dehradun : गर्भधारण की समस्याएं अब 16 एआरटी क्लीनिक से होंगी दूर

Pregnancy problems will now be solved through 16 ART clinics


गर्भधारण की समस्याएं अब 16 एआरटी क्लीनिक से दूर होंगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में सहायता प्राप्त जननीय प्रौद्योगिकी अधिनियम-2021 व 2022 तथा सरोगेसी विनियम (अधिनियम) 2021 व 2022 के तहत लेवल-1 स्तर के दो असिस्टेड रिप्रॉडक्टिव टेक्नोलॉजी क्लीनिक (एआरटी) क्लिनिक तथा लेवल-2 स्तर के 14 एआरटी क्लिनिक व पांच एआरटी बैंक का पंजीकरण किया गया है।

इन एआरटी क्लीनिक व बैंक में गर्भधारण से संबंधित समस्याओं को नई तकनीक के माध्यम से दूर किया जा सकेगा। इसके अलावा विशेषज्ञ चिकित्सकों के परामर्श से एआरटी अथवा सरोगेसी विधि से गर्भधारण को लेकर उचित परामर्श व उपचार भी दिया जाएगा। प्रदेश में एआरटी व सरोगेसी एक्ट का उल्लंघन करने वाले चिकित्सालयों के खिलाफ सख्ती कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

मानकों के आधार पर पंजीकरण ( Registration based on standards)


सूबे में निःसंतान दम्पतियों के चेहरों पर मुस्कान लाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने प्रदेश में एआरटी क्लिनिक व एआरटी बैंक स्थापना को लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी कर भारत सरकार के तय मानकों के आधार पर पंजीकरण कर दिए हैं।

चिकित्सालयों की ओर से लाभार्थियों को गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करने के साथ-साथ शिकायतों का भी निवारण किया जाएगा। मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि ऐसे एआरटी सेंटर जो बिना पंजीकरण के एआरटी व सरोगेसी विधि से लोगों का उपचार कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।