IND vs ENG मैच 11: घरेलू धरती पर लगातार 17वीं सीरीज जीतने का लक्ष्य रखेगा भारत, दो खिलाड़ी कर सकते हैं डेब्यू

India will aim to win 17th consecutive series on home soil, two players can debut

भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का चौथा मैच 23 फरवरी से रांची में खेला जाएगा। तेज गेंदबाज जसप्रित बुमराह की अनुपस्थिति के बावजूद, भारत चौथे टेस्ट मैच में इंग्लैंड की बेसबॉल शैली (आक्रामक बल्लेबाजी) का मुकाबला करने की कोशिश करेगा और सीरीज में स्पष्ट बढ़त है. भारत फिलहाल 2-1 से आगे है और घरेलू मैदान पर लगातार 17वीं जीत की तलाश में है।

2012 में एलिस्टर कुक की इंग्लैंड टीम से हारने के बाद भारतीय टीम ने घरेलू मैदान पर लगातार अच्छा प्रदर्शन किया. इसके बाद उन्होंने 47 टेस्ट मैच खेले और उनमें से 38 में जीत हासिल की। हालांकि, उन्हें सिर्फ ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से ही हारना है। विराट कोहली, केएल राहुल और श्रेयस अय्यर की गैरमौजूदगी में कोच रोहित शर्मा की टीम के युवा खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया.

युवा टीम मजबूत है ( the young team is strong)

चाहे वह यशस्वी जायसवाल हों या सरफराज खान. जयसवाल ने अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है. उन्होंने पहले तीन मैचों में 545 रन बनाए, जिसमें दो दोहरे शतक भी शामिल हैं। सरफराज ने अपने पहले टेस्ट मैच की दोनों पारियों में अर्धशतक लगाए. शुबमन गिल ने भी तीसरा स्थान हासिल किया. सीरीज में अब तक सबसे ज्यादा (17 विकेट) विकेट लेने वाले बुमराह को आराम दिया गया है. धर्मशाला में होने वाले पांचवें टेस्ट मैच में तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है और तब बुमराह भारतीय तेज गेंदबाजी की कमान संभालेंगे, लेकिन फिलहाल मोहम्मद सिराज टीम के सबसे अनुभवी गेंदबाज हैं.

मुकेश और आकाशदीप में चयन की होड़ ( Competition for selection between Mukesh and Akashdeep)

सिराज के साथ बंगाल के मुकेश कुमार और आकाशदीप में से किसी को चुना जा सकता है। मुकेश कुमार अधिक अनुभवी हैं। उन्होंने हाल में रणजी ट्रॉफी में 10 विकेट लिए थे। वह दूसरे टेस्ट मैच में खेले थे जिसमें उन्होंने दोनों पारियों में कुल मिलाकर 12 ओवर में एक विकेट लिया था। यह देखना होगा कि टीम प्रबंधन मुकेश पर विश्वास बनाए रखता है या आकाशदीप को पहले टेस्ट में खेलने का मौका देता है।

आंकड़ों को देखें तो इस मैदान के पिच की मिजाज के हिसाब से दो तेज गेंदबाज और तीन गेंदबाजों की थ्योरी सही रहती है। इस मैदान पर पिछला टेस्ट 2019 में खेला गया था। तब तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और उमेश यादव ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 10 विकेट लिए थे। भारतीय स्पिनरों ने आठ विकेट लिए थे। इंग्लैंड ने टॉम हार्टले के साथ ऑफ स्पिनर शोएब बशीर को टीम में शामिल किया है। वह लेग स्पिनर रेहान अहमद की जगह लेंगे। तीसरे स्पिनर की भूमिका में जो रूट होंगे। हालांकि रूट बल्लेबाजी में फॉर्म में नहीं हैं। उन्होंने अभी तक 77 रन बनाए जबकि गेंदबाजी में 107 ओवर किए हैं।

रजत पाटीदार प्लेइंग-11 से हो सकते हैं बाहर ( Rajat Patidar may be out of playing-11)

दूसरी ओर, रजत पाटीदार प्लेइंग-11 से बाहर हो सकते हैं। रजत को विशाखापत्तनम टेस्ट में डेब्यू करने का मौका मिला था। वह पहली पारी में 32 और दूसरी पारी में नौ रन बनाकर आउट हो गए थे। उसके बाद उन्हें राजकोट में फिर से मौका दिया गया। रजत एक बार फिर से फेल हो गए। वह पहली पारी में पांच रन ही बना पाए थे। दूसरी पारी में तो खाता भी नहीं खोल पाए। ऐसे में चार पारियों में एक भी अर्धशतक नहीं लगाने वाले रजत को बाहर बैठना पड़ सकता है।

 रजत के स्थान पर कर्नाटक के बाएं हाथ के बल्लेबाज देवदत्त पडिक्कल को मौका मिल सकता है। पडिक्कल ने 31 प्रथम श्रेणी मैचों में 44.54 की औसत से 2227 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने छह शतक और 12 अर्धशतक लगाए हैं। पडिक्कल ने अपनी पिछली 11 पारियों में पांच शतक लगाए हैं। उन्होंने तीन शतक कर्नाटक के लिए और दो भारत-ए के लिए लगाए हैं। उनके शानदार फॉर्म को देखकर रोहित शर्मा रांची टेस्ट में रजत पाटीदार की जगह उन्हें मौका दे सकते हैं।

स्टोक्स गेंदबाजी करने को लेकर दुविधा में ( Stokes in dilemma about bowling)

ऐसा लगता है कि भारतीय टीम दो तेज गेंदबाज और तीन स्पिनरों के साथ उतरेगी। ऐसे में अक्षर पटेल के वापसी करने की संभावना कम नजर आती है। टीम में रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा और कुलदीप यादव का आना तय लग रहा है। यह देखना भी रोचक होगा कि इंग्लैंड बैजबॉल शैली की अपनी रणनीति पर कायम रहता है या नहीं। हैदराबाद में खेले गए पहले टेस्ट में उसकी यह शैली सही साबित हुई थी। अगले दो टेस्ट में यही दांव उल्टा पड़ गया।

कप्तान बेन स्टोक्स ने नेट पर गेंदबाजी के कड़े अभ्यास से भारत के खिलाफ चौथे टेस्ट में गेंदबाजी करने की उम्मीद बढ़ा दी हैं लेकिन इंग्लैंड के कप्तान ने बृहस्पतिवार को यहां बतौर गेंदबाज अपनी उपलब्धता पर संदेह कायम रखना ही सही समझा। घुटने की समस्या के कारण स्टोक्स पिछले साल जून में दूसरे एशेज टेस्ट से बाद से बतौर बल्लेबाज ही खेल रहे हैं। घुटने की समस्या के कारण स्टोक्स पिछले साल जून में दूसरे एशेज टेस्ट से बाद से बतौर बल्लेबाज ही खेल रहे हैं। भारत के खिलाफ चौथे टेस्ट की पूर्व संध्या पर उन्हें पूरी शिद्दत से गेंदबाजी करते हुए देखा गया। मैच में उनके गेंदबाजी की संभावना के बारे में पूछने पर स्टोक्स ने कहा, ”ना, मुझे लगता है कि ऐसा हो सकता है और शायद नहीं भी।”