शैतान रिव्यू: काले जादू और वशीकरण पर आधारित अजय देवगन की फिल्म है डरावनी, दमदार परफॉर्मेंस ने खुश किया दिल

Ajay Devgan’s film based on black magic and vashikaran is scary, powerful performance made the heart happy

जब हम बच्चे थे, तो हम अक्सर अपनी माँ को यह कहते हुए सुनते थे, “अजनबियों द्वारा दिया गया खाना मत खाओ,” और हम अक्सर आश्चर्यचकित होते थे। लेकिन अजय देवगन की ‘डेविल’ देखें और आप देखेंगे कि उनकी मां सही थीं। आपको किसी अनजान व्यक्ति द्वारा दिया गया खाना खाने में समस्या हो सकती है।

फिल्म “शैतान” आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। यह काला जादू और वशीकरण आधारित हॉरर फिल्म एक खुशहाल परिवार के बारे में है जिसका जीवन राक्षसों द्वारा नष्ट कर दिया जाता है। कबीर (अजय देवगन) और ज्योति (ज्योतिका) एक खुशहाल जोड़े हैं जो अपने दो बच्चों जान्हवी (जानकी बोधिवाला) और देहरू (अंगद राज) के साथ देहरादून में एक खुशहाल जीवन जीते हैं। जब वेनराज (आर माधवन) उनके जीवन में आता है, तो सभी आराम करने के लिए फार्महाउस चले जाते हैं।

वनराज उससे एक ढाबे पर मिला था. वहां से वह कबीर और उसके परिवार की तलाश में निकल पड़ता है। कबीर और ज्योति को यह नहीं पता कि वनराज कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है और उनकी बेटी जान्हवी उसके नियंत्रण में है। उसकी प्रेरणा क्या है, वह जान्हवी को अपने साथ क्यों ले जाना चाहता है और कबीर और ज्योति अपनी बेटी को बचाने के लिए किस हद तक जाएंगे, यह हम फिल्म में देखेंगे।

डायरेक्शन ( direction)

डायरेक्टर विकास बहल ने 2023 में आई गुजराती फिल्म वश का रीमेक ‘शैतान’  बनाया है. क्वीन जैसी फिल्म बना चुके विकास के लिए अच्छी फिल्में बनाने की उम्मीद हमेशा ही फैंस को रहती है. शैतान में भी उनकी मेहनत नजर आती है. ये फिल्म काफी रहस्यमयी ढंग से शुरू होती है, फिर हाई नोट पर जाती है और माधवन की एंट्री के बाद इसकी वाइब एकदम बदल जाती है. वहीं से फिल्म में दिलचस्प चीजों की शुरुआत होती है.

विकास बहल जानते हैं कि उन्हें फिल्म को किस दिशा में लेकर जाना है. उनकी फिल्म में सस्पेंस है, ड्रामा है और बहुत सारी काले जादू वाली शेडी फीलिंग है, जो आपके दिल की धड़कनें बढ़ाती है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि पिक्चर में कमी नहीं है.

परफॉर्मेंस ( performance)

फिल्म शैतान के साथ एक्ट्रेस ज्योतिका ने हिंदी सिनेमा में वापसी की है. उनका कमबैक काफी दमदार है. फिल्म में वो ज्योति का किरदार निभा रही हैं, जो अपनी बेटी जानकी का हाल देख तड़प रही है. अपने बच्चे की मदद न कर पाने की बेबसी और उसे एक शैतान के चंगुल से छुड़वाने का एक मां का गुस्सा, ज्योतिका बहुत सही निभा गई हैं. उनके इमोशनल सीन्स के साथ साथ, माधवन से लड़ाई का उनका सीन जबरदस्त है.

ज्योति के पति कबीर के किरदार में अजय देवगन का काम भी अच्छा है. एक बेबस पिता जो साम दाम दंड भेद से अपनी बच्ची को बचाने की कोशिश में लगा है, लेकिन उसका बस कहीं नहीं चल रहा. अजय की दमदार परफॉर्मेंस को सीधी टक्कर देते हैं फिल्म के विलेन आर माधवन. माधवन कमाल के एक्टर हैं इस बात में कोई शक नही है. लेकिन शैतान में वो आपको डराते हैं. खुद को भगवान वनराज कहने वाले माधवन, कबीर और उसके परिवार की हालत बद से बदतर कर देते हैं.

जानकी बोदीवाला ने जाह्नवी के किरदार को बखूबी निभाया है. ओरिजनल फिल्म में भी जानकी ने ही आर्या का किरदार निभाया था जो शैतान के वश में आ जाती है. जानकी की परफॉर्मेंस लाजवाब है. जानकी के छोटे भाई ध्रुव के किरदार में अंगद राज ने भी अच्छा काम किया है.

कहां रह गई कमी ( where is the gap left)

फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और बैकग्राउंड भी अच्छा है. इसकी एडिटिंग बढ़िया है. मूवी की सबसे बड़ी दिक्कत उसकी राइटिंग में है. स्क्रीन राइटर आमिल कियान खान और कृष्णदेव याग्निक ने इसमें सस्पेंस और थ्रिल तो डाला लेकिन मोटिव डालना भूल गए. मूवी में जो भी हो रहा है वो क्यों हो रहा है इसका जवाब किसी के पास नहीं है. ऐसे में फिल्म से जुड़ने में आपको दिक्कत होती है. आप जानना चाहते हैं कि वनराज कौन है और कबीर के परिवार के पीछे क्यों है? और भी कई सवाल आपके मन में उठते हैं जिनके जवाब आपको नहीं मिल पाते. यही मूवी की सबसे बड़ी कमी है, जो आपका मजा खराब करती है.