New Update: Khalistani are doing this work by luring the Sikh youth of India! Big revelation happened
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को लेकर भारत और कनाडा में चल रहे तनाव के बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. सूत्रों ने बुधवार को बताया कि कनाडा स्थित खालिस्तान समर्थक तत्व भारत के भोले-भाले सिख युवाओं को लालच देकर कनाडा बुला रहे हैं. वो सिख युवाओं का वीजा भी स्पॉन्सर कर रहे हैं. खालिस्तान समर्थक तत्वों के इस कृत्य का एकमात्र उद्देश्य कनाडा की धरती पर अपने एजेंडे को बढ़ावा देने में भारत के सिख युवाओं का इस्तेमाल करना है.
सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि इस काम में खालिस्तानी अलगाववादी मोनिंदर सिंह बुआल, परमिंदर पंगली, भगत सिंह बराड़ जैसे लोग शामिल हैं. ये लोग अपने खालिस्तानी एजेंडे को पूरा करने के लिए लालच देकर सिख युवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि सिख युवाओं को बरगलाकर कनाडा बुलाने वालों में भारत-कनाडा के बीच हालिया विवाद की जड़ हरदीप सिंह निज्जर भी शामिल था.
सूत्रों ने यह भी बताया कि हालांकि, बहुत से भारतीय प्रवासी युवा उनके इस एजेंडे का हिस्सा नहीं बन रहे जिस कारण उन्हें लोगों की कमी का सामना करना पड़ रहा है.
कमजोर तबके के सिख युवाओं को निशाना बना रहे खालिस्तानी (Khalistani are targeting Sikh youth from weaker sections)
खालिस्तान समर्थक चरमपंथी भोले-भाले कमजोर तबके के युवाओं को प्लंबर, ट्रक ड्राइवर अथवा गुरुद्वारों में सेवादार, पाठी और रागी का धार्मिक काम करने के लिए कनाडा बुलाकर गलत कामों के लिए उनका शोषण कर रहे हैं.
कनाडा का वीजा हासिल करना बेहद मुश्किल और समय लेने वाली प्रक्रिया है और खालिस्तानी चरमपंथी इसी बात का फायदा उठा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि ये खालिस्तान समर्थक चरमपंथी भारत से कनाडा आने को इच्छुक सिख युवाओं को अपने बल पर वीजा दिलवाते हैं. बदले में कनाडा आकर सिख युवाओं को भारत विरोधी प्रदर्शनों, कार्यक्रमों और कट्टर धार्मिक सभाओं का संचालन करने जैसी खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में हिस्सा लेना पड़ता है.
अवैध अप्रवासी और नौकरी ढूंढ रहे छात्र खालिस्तानियों के आसान टार्गेट (Illegal immigrants and students looking for jobs are easy targets of Khalistanis).
खालिस्तानी चरमपंथी कनाडा में भारतीय युवाओं और छात्रों को भी टार्गेट कर रहे हैं. ये उन लोगों की पहचान करते हैं जिनके लिए कनाडा में गुजारा करना मुश्किल हो रहा होता है. ऐसे लोग उनके आसान टार्गेट हैं क्योंकि उनके पास न तो नौकरी होती है और न रहने के लिए घर. लालच देकर खालिस्तानी चरमपंथी उनका शोषण करते हैं.
कनाडा में अवैध अप्रवासी और वो छात्र, जिन्होंने कनाडा में अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है, लेकिन नौकरी नहीं ढूंढ पा रहे हैं, सबसे संवेदनशील हैं. सूत्रों ने बताया कि खालिस्तानी चरमपंथी उन्हें निम्न स्तर की नौकरी दिलवाते हैं और गुरुद्वारे के पैसे से रहने की भी व्यवस्था कराते हैं. इसके बाद उनका इस्तेमाल खालिस्तान समर्थक कार्यों के लिए होता है. उपकार के बोझ तले दबे युवा मर्जी से या फिर बिना मर्जी के कनाडा में खालिस्तान ब्रिगेड में शामिल हो जाते हैं.
सूत्रों ने यह भी बताया कि जब इस्लामिक स्टेट समर्थित खालिस्तानी समूह सिख फॉर जस्टिस को अपने भारत विरोधी अभियान ‘पंजाब इंडिपेंडेंस रेफरेंडम’ के लिए समर्थन हासिल करना मुश्किल हो रहा था तब निज्जर और उसके दोस्तों ने बरगलाए हुए सिख युवाओं का इस्तेमाल यह दिखाने के लिए किया था कि उनका अभियान सफल है.
गुरुद्वारों पर खालिस्तानियों का बढ़ता प्रभाव खतरा पैदा कर रहा (The increasing influence of Khalistanis is posing a threat to Gurudwaras).
खालिस्तान चरमपंथियों के लिए ऐसे लोगों तक पहुंचना अब और आसान हो गया है क्योंकि वो सर्रे, ब्रैम्पटन, एडमॉन्टन जैसे शहरों में 30 से अधिक गुरुद्वारों पर अपना प्रभाव रखते हैं.
सूत्रों ने बताया कि निज्जर, बुआल और बराड़ ने पंजाब में दविंदर बांभिया गिरोह, अर्श दल्ला गिरोह, लखबीर लांडा गिरोह जैसे गैंगस्टरों के साथ मिलकर एक गठबंधन भी बनाया था और इन वांटेड गैंगस्टर्स को कनाडा ले आए थे.
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में कुछ खालिस्तान समर्थन राजनीतिक दल एक से दो लाख रुपये लेकर सिख युवाओं को एक पत्र भी जारी करते हैं. युवा इस पत्र का इस्तेमाल कनाडा में राजनीतिक शरण लेने के लिए करते हैं. पत्र खरीदने वाले युवा झूठा दावा करते हैं कि वो पार्टी कैडर हैं और भारत में धर्म के आधार पर उत्पीड़न झेल रहे हैं. ऐसे युवा कनाडा पहुंचते ही खालिस्तान समर्थक तत्वों में शामिल हो जाते हैं.