चंद्रयान-३ होते ही NASA ने अपना मून मिशन जारी किया

जापान  का मून मिशन बारिश की वजह से  टला . रूस का मिशन फ़ैल हो गया . और आखिर में  चंद्रयान ३ सफल लैंडिंग कर  पाया. अब अमेरिका मून मिशन कर रहा है जिसका नाम वाईपर यानी वोलाटाइल्स इनवेस्टिगेटिंग पोलर एक्सप्लोरेशन रोवर है .

इस वाईपर की लैंडिंग संभवता अगले साल होगी .

वाईपर नासा के एम्स रिसर्च सेंटर से बनाया गया है. ये रोवर ४३० किलोग्राम का होगा. यह करीब 8 फीट ऊँचा और 5-5 फीट लंबा और चौड़ा होगा. अगले साल नवंबर में चाँद कई तरफ इसको लांच करेगा.

लॉन्चिंग के लिए केनेडी स्पेस सेंटर को चुना  है. इसमें चार यंत्र लगे होंगे जो अलग तरह की चीजों का अध्ययन करेंगे. ये हैं- न्यूट्रॉन स्पेक्ट्रोमीटर सिस्टम (NSS), नीयर इंफ्रारेड वोलाटाइल्स स्पेक्ट्रोमीटर सिस्टम (NIRVSS), द रिगोलिथ एंड आइस ड्रिल फॉर एक्प्लोरिंग न्यू टरेन (TRIDENT) और मास स्पेक्ट्रोमीटर ऑब्जरविंग ऑपरेशंस (MSolo).

वाइपर रोवर  गोल्फ कार्ट के आकार का है. इसे  चांद के दक्षिणी ध्रुव के इलाके में उतारा जाएगा.  वहा  पर कम से कम 100 दिन काम करेगा. ये चाँद की ३ दिन और ३ रात का चक्र  कवर करेगा . इसमें जो यंत्र हैं,  जबकि एक 3.28 फीट लंबा ड्रिलिंग आर्म है.
ये  सोलर पैनल से चार्ज होगा . यह नासा के डीप स्पेस नेटवर्क से एक्स-बैंड डायरेक्ट टू अर्थ के जरिए संपर्क करेगा. यह अधिकतम 20 किलोमीटर के इलाके में चक्कर लगाएगा.
ये चाँद की सतह पर बर्फ का नही पता बतायेगा ताकि भविष्य में इंसानों को  बस्ती बसाने में आसानी हो. ये वहा  पर तापमान नही प्रदर्शित करेगा .हालांकि चांद पर इस प्रोजेक्ट को भेजने का फायदा ये है कि वह  रेडियो कमांड जल्दी और आसानी से पहुंच जाता है.